एक बार फिर अक्षरधाम मंदिर , दिल्ली का सफर

जैसा की पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा कि किस प्रकार पुराने किले और दिल्ली चिड़ियाघर का सफर करने के बाद हम लोग वापस आये । चूँकि समय कम होने के कारण अक्षरधाम मंदिर , दिल्ली (akshardham temple, delhi ) जाना नहीं हो सका । चलिए इसी सफर पर आज अक्षरधाम मंदिर , दिल्ली चलते हैं । २५ जून, दिन-शनिवार को सायं में अक्षरधाम मंदिर जाने का विचार बना । पुराने किले और दिल्ली चिड़ियाघर की तरह यहाँ भी हालाँकि में २ साल पहले आ चुका था । सायं ४ बजे ही हम लोग तैयार हो गए । ओला कैब (ola cab ) बुक करने के बाद हम लोग रवाना हुए और मयूर विहार होते हुए लगभग ४:५० बजे अक्षरधाम मंदिर पहुँच गए । उम्मीद से अधिक  भीड़ थी इसका कारण शनिवार का दिन था । 

अंदर पहुँचे सामान जमा करने के लिए फॉर्म लेकर भरने के ३० मिनट  बाद जमा किया । तब तक ५:१५ बज चुके थे । अब धीरे धीरे दर्शकों की भीड़ भी बढ़ने लगी थी । कुछ चेकिंग के बाद हम लोंगो ने मंदिर के मुख्य प्रांगड़ में प्रवेश किया । क्या सुन्दर नज़ारा था इसे वही लोग महसूस कर सकते हैं जो पहले यहाँ आये हो । पत्थरों पर की गयी सुन्दर नक्काशी और मूर्तियों की कलाकारी और सामने स्थित भव्य मंदिर काफी अच्छे लग रहे थे ।  साथ ही परिसर में स्थित म्यूज़ियम, फोटो प्रदर्शनी और वाटर बोटिंग सब कुछ अच्छा लग रहा था । 

एक बार फिर पुराना किला ,चिड़ियाघर , दिल्ली का सफर

अभी वीते सप्ताह नोएडा घर पर माँ और पिताजी का आना हुआ । यह मेरे लिए एक सुखद अनुभव था माँ और पिताजी पहली बार जो आ रहे थे । शाहजहाँपुर से साथ में ही ऐसी बस से मेरे साथ आये थे काफी दिनों से इच्छा थी मेरे कहने पर वो लोग तुरन्त राजी हो गए । काफी अच्छा लगा । दोपहर १ से रात्रि १० बजे तक ऑफिस होने के कारण सुबह में अच्छा समय मिल जाता है । पापा और मम्मी जी की दिल्ली घूमने की भी इच्छा थी ।  इसी सिलसिले में २२ जून, बुधवार  को इस यात्रा सफर के पहले चरण में पुराना किला और दिल्ली का चिड़ियाघर जाना तय हुआ । हालाँकि मैं एक बार पहले भी वहाँ जा चुका था लेकिन इस बार जाने का अलग अनुभव रहा ।

चलिए अब आगे सफर पर चलते हैं ।  दिल्ली और एनसीआर समेत पूरे भारत में ओला कैब सर्विस होने के कारण इस बार इसी से जाने का विचार किया ।  पापा और मम्मी जी सुबह जल्दी ही तैयार हो गए मैं भी नित्य कार्यों से निपटकर ८ बजे ही तैयार हो गया ।  ८:००  बजे सुबह इस सफर के लिए चल दिए ।  पापा और मम्मी जी के साथ दिल्ली भ्रमण की यह मेरी पहली यात्रा थी । इस सफर में पापा और मम्मी जी के अलावा मेरी पत्नी जी भी थी जो पहले भी नैनीताल और वैष्णों देवी यात्रा में मेरे साथ जा चुकी थी । सेक्टर १५ मेट्रो स्टेशन पहुँचे वहाँ से मेट्रो के द्वारा अक्षरधाम , यमुना बैंक और इन्द्रप्रस्थ स्टेशन होते हुए ८:३० बजे प्रगति मैदान स्टेशन पहुंचे । प्रगति मैदान स्टेशन से ही प्राइवेट ऑटो किया और ५० रुपये किराया देकर १० मिनट बाद ही हम पुराने किले में पहुँच गए ।