दिनांक : २६ से २८ मई २०१९
सभी ब्लॉग मित्रों को नमस्कार, काफी समय हो गया था ब्लॉग पर कोई यात्रा लेख लिखे हुए | अभी अप्रैल माह में नयी होंडा एक्टिवा 5G स्कूटी खरीदी | तब से मन में कही जाने का विचार चल रहा था | लेकिन समय ना मिलने के कारण कहीं जाना नहीं हो सका | आखिरकार २९ मई को परिवार में शादी समारोह की वजह से सप्ताहांत समेत छुट्टियाँ मिल गयी | इसी समय मैने नोएडा से मेरठ होते हुए हरिद्धार और फिर हरिद्धार से नजीबाबाद, मुरादाबाद होते हुए नोएडा वापसी का प्लान बनाया | हालाँकि स्कूटी से यह सफर ज्यादा ही कहना चाहिए लेकिन चलो चलते है |
शनिवार २५ मई रात्रि ऑफिस करने के बाद २६ को रूम पर वापस आकर कुछ देर विश्राम किया और सुबह निर्धारित ५ बजे इस यात्रा की शुरुआत कर दी |
सुबह होने के कारण मौसम काफी अच्छा था और नोएडा सेक्टर -६२ होते हुए NH-२४ से ६ बजे मेरठ बाई पास पहुंचे | सुबह का मौसम होने के कारण अभी गर्मी नहीं थी इसलिए स्कूटी चलाने में मजा आ रहा था | आगे NH -58 ((दिल्ली -देहरादून हाइवे ) से होते हुए पहला स्टॉप मेरठ बाई पास के पास BIT कॉलेज के पास लिया गया | यहाँ चाय नास्ता करने के बाद आगे चलते हुए करीब ९ बजे मुज्जफरनगर के पास एक ढाबे पर रुके यहाँ चाय और पराठा का नास्ता किया | तब तक हल्की धूप भी होने लगी थी | अब ६०-६५ की स्पीड से चलते हुए आगे एक जगह स्कूटी में पेट्रोल भरवाया | नोएडा से यहाँ तक लगभग १२० किलोमीटर आ चुके थे | इसी बीच कुछ फोटो भी लिए | आगे मंगलोर, रुड़की और बहादराबाद होते हुए ११:४५ बजे हरिद्धार आ चुके थे | हरिद्धार प्रवेश करते ही जाम से सामना हुआ | गर्मियों का सीजन होने के कारण काफी भीड़ थी | एक जगह कुछ देर गन्ने का रस पीकर विश्राम किया | आगे चलकर कनखल पहुँचे यहाँ से वायें हाथ पर गंगा जी का पुल पार करके होटल Motherland पहुँचे | अब तक अच्छी खासी धूप हो चुकी थी |
सुबह होने के कारण मौसम काफी अच्छा था और नोएडा सेक्टर -६२ होते हुए NH-२४ से ६ बजे मेरठ बाई पास पहुंचे | सुबह का मौसम होने के कारण अभी गर्मी नहीं थी इसलिए स्कूटी चलाने में मजा आ रहा था | आगे NH -58 ((दिल्ली -देहरादून हाइवे ) से होते हुए पहला स्टॉप मेरठ बाई पास के पास BIT कॉलेज के पास लिया गया | यहाँ चाय नास्ता करने के बाद आगे चलते हुए करीब ९ बजे मुज्जफरनगर के पास एक ढाबे पर रुके यहाँ चाय और पराठा का नास्ता किया | तब तक हल्की धूप भी होने लगी थी | अब ६०-६५ की स्पीड से चलते हुए आगे एक जगह स्कूटी में पेट्रोल भरवाया | नोएडा से यहाँ तक लगभग १२० किलोमीटर आ चुके थे | इसी बीच कुछ फोटो भी लिए | आगे मंगलोर, रुड़की और बहादराबाद होते हुए ११:४५ बजे हरिद्धार आ चुके थे | हरिद्धार प्रवेश करते ही जाम से सामना हुआ | गर्मियों का सीजन होने के कारण काफी भीड़ थी | एक जगह कुछ देर गन्ने का रस पीकर विश्राम किया | आगे चलकर कनखल पहुँचे यहाँ से वायें हाथ पर गंगा जी का पुल पार करके होटल Motherland पहुँचे | अब तक अच्छी खासी धूप हो चुकी थी |
यहाँ रूम लिया और विश्राम करने के बाद लंच किया और सांय ६ बजे स्कूटी लेकर गंगा आरती देखने के लिए घाट पर पहुंचे | पूरा हरिद्धार भक्तिमय नजर आ रहा था | मैं ४थी बार हरिद्धार आया था | गंगा जी के तट पर पहुँच कर सांय कालीन आरती देखी | करीब २ घंटे रुकने और फोटो आदि लेने के बाद अपने होटल के लिए निकले | वापसी में रास्ता भटक जाने से मैं ज्वालापुर की और चला गया आखिरकर बाद में गूगल मैप की मदद से ९:२० बजे होटल के पास आकर रात्रि भोजन किया और फिर होटल आ गए | पहली बार अपनी होंडा एक्टिवा से मैं इतनी दूर आया था | सोने से पहले ही अगले दिन सुबह ही मुरादाबाद जाने का भी विचार बनाया | पहले भी हरिद्वार और ऋषिकेश आने के कारण अब मै एक नए मार्ग हरिद्वार से नजीबाबाद होते हुए मुरादाबाद जाना चाहता था | थकान होने के कारण कुछ देर में नींद गयी |
सुबह ५ बजे अलार्म बजते ही आँख खुल गयी | फ्रेश होने के बाद होटल का ९४५ रूपए का बिल भुगतान कर चेकआउट किया | स्कूटी में अभी भी हॉफ टैंक फ्यूल था | सुबह का मौसम होने से बहुत ही अच्छा लग रहा था | गंगा जी पुल पार करके बायीं और होते हुए आगे हरिद्वार के नजीबाबाद चौराहे पहुंचे | कल कल बहती हुई विराट रूप में गंगा माँ और सामने विशाल पर्वत श्रंखला और सुबह का मस्त मौसम सब कुछ दर्शनीय था | कुछेक फोटो लिए और ६ बजे यहाँ से नजीबाबाद के लिए निकल गए | आगे गंगा जी के विशाल पुल और माँ चंडीदेवी मंदिर मार्ग से होते हुए आगे १० किलोमीटर बाद एक पेट्रोल पंप पर २५० रूपए देकर टैंक फुल कराया | अब मैं स्कूटी से पहली बार पहाड़ी मार्ग पर सफर कर रहा था | हल्की ठण्ड भी लग रही थी | आगे जंगल एरिया होने के कारण मार्ग में जगह जगह सावधानी बोर्ड और ब्रेकर भी थे | फिलहाल चलते हुए ८:४० बजे नजीबाबाद पहुंचे | यहाँ २० मिनट ब्रेक लिया और थोड़ा नास्ता भी किया गया | यहाँ से नहटौर तक सड़क अच्छी नहीं थी आगे जब नूरपुर पहुँचे तब अच्छी सड़क मिली | अभी भी मुरादाबाद यहाँ से 70 किलोमीटर था | रास्ते में एक जगह गन्ने का जूस पिया | अब तक १० बज चुके थे और धूप भी हो गयी थी | रोड अच्छी होने के कारण स्कूटी आराम से ६०-७० KM की स्पीड से चल रही थी | मुरादाबाद आउटर पर भयंकर जाम मिला | तब तक १२ बज चुके थे | शहर के ट्रैफिक से होते हुए रेलवे स्टेशन के पास ही ८०० रूपए में एक होटल लिया और रूम में आकर विश्राम किया | अभी तक लगभग १६० किलोमीटर आज सफर कर चूका था अब धूप होने के कारण और स्कूटी से सफर करने का मन नहीं था | होटल के पास ही लंच किया | शाम होते ही कब नींद आगयी पता ही नहीं चला | सुबह २ बजे आँख खुली | ५ बजे का अलार्म लगा कर फिर सोगया | क्यूंकि सुबह ही नॉएडा के लिए निकलना था | मैप के हिसाब से यह नोयडा १६४ किलोमीटर बता रहा था |
अलार्म बजते ही आँख खुल गयी | कुछ देर में फ्रेश होकर रूम में ही चाय मंगवा ली | और ५:३० बजे होटल से चेक आउट किया | दो दिनों में स्कूटी मीटर के हिसाब से मैं 357 किलोमीटर का सफर कर चुका था | अच्छी बात यह थी की स्कूटी में कोई कमी नहीं थी | अभी 164 किलोमीटर और सफर करना था | चलो चलते हैं सुबह जल्दी जितनी दूरी कवर लेंगे उतना अच्छा हैं नहीं तो ज्यादा धूप में स्कूटी चलाने का मन नहीं करेगा | मुरादाबाद में निकलते ही फिर २०० रुपये का पेट्रोल डलवाया | और आगे फ्लाईओवर पार करके हाइवे पहुंचे | दिल्ली तक यह हाइवे बेहतरीन है स्कूटी आराम से 55 -65 KM पर चल रही थी | आगे पहला स्टॉप गढ़ मुक्तेश्वर पर लिया | यहाँ चाय नास्ता किया तब तक सुबह के 7 :40 बज चुके थे | आगे चलते रहे और ८:३५ बजे एक जगह बाबूगढ़ के पास वेज बिरियानी का नाश्ता किया और विश्राम भी | यहाँ से मुझे हापुड़ , पिलखुवा, गाजियाबाद बाई पास होते हुए नोएडा आना था | पिलखुवा में भयंकर जाम मिला और इस वजह से नोएडा रूम पर पहुँचते पहुँचते 10 बज गए थे | अगले दिन 29 मई को शादी थी इसलिए आज रात में बस से निकलना भी था | रूम पर आराम करके ऑफिस पार्किंग में स्कूटी खड़ी कर दी और शाम को ८:४५ वाली बस से घर के लिए निकल गए |
मेरी स्कूटी से यह पहली इतनी लम्बी (536 KM ) अकेले यात्रा रही | सफर में काफी कुछ सीखने को मिला और स्कूटी होंडा एक्टिवा 5G ने मेरा पूरा साथ दिया कहीं भी पंचर या कोई अन्य दिक्कत नहीं हुई | आशा करता हूँ आपको आगे भी अन्य यात्रा सफर पर ले चलूँगा | तब तक के लिए विराम |
मेरठ के पास हाइवे पर |
भोला की झाल, मेरठ जाने का रास्ता |
मुज्जफरनगर ढाबे पर यहीं परांठे खाये थे |
ब्रजघाट , गढ़ मुक्तेश्वर |
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