दिनांक : १६ जुलाई वैसे तो काफी दिनों से हिमाचल जाने के बारे में सोच रहा था | माँ वैष्णो देवी यात्रा के दौरान किसी कारण बश जाना नहीं हो सका | लेकिन आखिरकार आज इस हिमाचल में शिमला यात्रा पर मुहर लग ही गयी | शनिवार की नाईट ड्यूटी करने के बाद सुबह तक यहाँ जाने का कोई इरादा नहीं था | रविवार और सोमवार को मेरा साप्ताहिक अवकाश रहता है और मंगलवार को सांयकालीन ड्यूटी थी इसलिए काफी समय था | तो फिलहाल रविवार को दोपहर में भोजन करने के बाद अपना बैग पैक किया और रूम से सांय को ४:३० बजे नॉएडा सेक्टर १५ पहुंचे | चूँकि पहले से मेरा ना तो बस से ही और ना ही ट्रैन से शिमला जाने का रिज़र्वेशन था | वैसे अगर हिमाचल के किसी भी शहर जाना हो तो बसें कश्मीरी गेट बस अड्डे से आसानी से मिल जाती हैं | करीब १:३० घंटे बाद ६:०० बजे दिल्ली स्थित कश्मीरी गेट बस अड्डे पहुँच गए |
बस स्टैंड पहुंचकर चाय और पेटीज का नास्ता किया और फिर शिमला जाने वाली बस का इंतज़ार करने लगे | दो वॉल्वो हिमसुता ऐसी बसे शिमला और धर्मशाला जा रही थी | लेकिन मुझे तो साधारण बस से ही जाना था | काउंटर पर जाकर पता किया एक बस चंडीगढ़ और सोलन होते हुए शिमला जा रही थी | काउंटर से ही १ शिमला जाने वाली बस की ४१७ रुपये की टिकट ले ली और बस में जाकर बैठ गए | बस के चलने का निर्धारित समय ७:१० बजे था | सही समय पर हिमाचल परिवहन की यह बस दिल्ली से चल दी | पहली बार हिमाचल जा रहे थे और खिड़की वाली शीट मिलने से मन ही मन बड़ी ख़ुशी हो रही थी | जी टी रोड पर बस चलती जा रही थी | बस में यात्री भी काफी कम थे | सोनीपत , पानीपत होते हुए बस करनाल के पास एक धावे (महादेव दावा ) पर रुकी मुझे बस चाय पीनी थी खाना शाम को कश्मीरी गेट बस स्टैंड से खाकर ही चला था | क्या स्वादिष्ट चाय थी वो भी केवल १० रुपये में | चाय पीकर मजा आ गया | करीब २० मिनट रूककर बस चल दी | फिर अम्बाला होते हुए रात में १२ बजे चंडीगढ़ पहुंचे | यहाँ बस सेक्टर ४३ स्स्थित बस स्टैंड पर रुकी | कुछ चंडीगढ़ की सवारियां उतरी और शिमला, सोलन जाने वाली चढ़ी | बस लगभग फुल हो गयी | १२:३० बजे बस यहाँ से चल दी |
अब मुझे धीरे धीरे नींद आने लगी | आँख खुली जब बस परवाणू में पेट्रोल पंप पर रुकी | पास में ही ए टी म था कुछ पैसे भी निकाल लिए | अब यहाँ से पहाड़ी मार्ग शुरू हो गया | कई घुमावदार पहाड़ी मोड़ से होते हुए बस हिमाचल के धर्मपुर पहुंची | आगे मेरी आँख खुली जब बस सोलन के मुख्य बाजार में थी | यहाँ से शिमला ज्यादा दूर नहीं है ऐसा बस में साथ में बैठे एक स्था निय ने बताया | जब बस सुबह ४:३० बजे शिमला के नए बस स्टैंड पहुंची तब तक अच्छी खासी थकान हो चुकी थी | फिलहाल बस से उतरकर बस स्टैंड में बैठकर आराम करने लगे साथ ही चाय और मेंगी भी आर्डर कर दी | अब भूंख जो लग रही थी | मौसम भी ठंडा था | अब सुबह होने का इंतज़ार करने लगे | चाय और मैंगी खाने के बाद थोड़ा आराम किया | तब तक सुबह के ६ बज गए | यहाँ बस स्टैंड पर ही मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स भी थे जिसका चार्ज २० रूपए प्रति घंटा था | मेरे पास पावर बैंक पहले से था इसलिए जरुरत नहीं पड़ी |
अब बस स्टैंड का मुआयना किया एक बस यहाँ दिल्ली से आकर रिकांग पिओ भी जा रही थी | मैंने कण्ड कटर जी से रिकांग पिओ का किराया पूंछा तो उन्होंने ३५४ रूपए बताया साथ ही साथ ही रिकांग पिओ यहाँ से ३८७ किलोमीटर दूर है, ऎसी जानकारी मिली | अन्य बसे जो अलग अलग मार्ग जैसे हरिद्वार , धर्मशाला , चम्बा , रोहड़ू, देहरादून , पठानकोट भी जाने के लिए तैयार थी | मुझे शिमला में द रिज , माल रोड , जाखू मंदिर और टॉय ट्रैन से घूमना था | एक बन्दे से रिज रोड जाने के बारे में पूंछा जोकि ऊपर पुराने बस स्टैंड और लक्कर बाजार के पास ही है | ५ रूपए टिकट देकर बस से पुराने बस स्टैंड पहुंचे |
अब सबसे पहले मुझे रिज जाना था | अब तक जैसा फोटो में २२७० मीटर की ऊंचाई पर शिमला शहर के फोटो देखे थे उससे भी बेहतर यहाँ का नजारा था | पहाड़ की गोद में बसा खूबसूरत शहर और सुबह की ठंडक | सब कुछ काफी अच्छा लग रहा था | पुराने बस स्टैंड के पास से ही ऊपर रिज जाने का रास्ता जाता है | मैं इसी रास्ते पर चल पड़ा करीब १:२५ किलोमीटर की चढाई के बाद रिज पहुँच गए | इसी बीच फोटो भी लिए | यहाँ से जाखू मंदिर स्थित हनुमान जी की विशालकाय मूर्ति भी दिख रही थी साथ ही तिरंगा ध्वज भी | सुबह का समय होने के कारण लोग मॉर्निंग वाक भी कर रहे थे | काफी सुन्दर नजारा था | रास्ते में बन्दर भी बहुत थे | आगे जाखू मंदिर जाने वाले मार्ग पर पहुंचे बन्दर काफी थे इसलिए अकेले होने की वजह से नहीं जा पाए | अगली बार जब जाना होगा तब आराम से जायेंगे |
बापसी में फिर रिज आ गए यहाँ एक सज्जन से मुलाकात हुई वो भी दिल्ली से यहाँ घूमने आये थे और एक गुरु द्वारे में रुके थे | आगे का सफर उन्ही सज्जन के साथ हुआ | अब सुबह के करीब ७:३० बज गए थे |
एक स्थानीय से तोय रेल समय के बारे में पूंछा तो उन्होंने बताया-
" अभी समय है ८:३० वाली ट्रैन आपको मिल जाएगी जो २:३० बजे तक कालका पहुंचा देगी "
मै : ट्रैन कहाँ से मिलेगी |
"यहाँ से नीचे ही रेलवे स्टेशन है , पुराने बस स्टैंड के पास २० मिनट लगेंगे जाने में "
मै : धन्यवाद् |
अब मै उन सज्जन के साथ नीचे उतरने लगा , उन्हें गुरुद्वारा भी जाना था तो कुछ समय के लिए गुरूद्वारे भी हो आये | अब बस टॉय ट्रैन से सफर का इंतज़ार था | रेलवे लाइन ट्रैक के साथ ही चलते हुए करीब ८ बजे रेलवे स्टेशन पहुँच गए | टिकट घर प्लेटफॉर्म से ऊपर है | २ टिकट लेकर प्लेटफॉर्म पर आ गए | ट्रैन तब तक लग चुकी थी | हम दोनों लोगों ने इसी बीच कुछ फोटो लेकर ट्रैन में बैठ गए | अलबिदा शिमला फिर मिलते हैं | ट्रैन ८:३० बजे चुक चूक करती हुई चल दी | आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की शिमला -कालका टॉय ट्रैन ९६ किलोमीटर के इस सफर में ९३ सुरंगों और ६०० से ज्यादा पुलों से होकर गुजरती है | जो इस रेल सफर को और भी रोमांचक बनाती है | शिमला से चलकर ट्रैन समर हिल , तारादेवी , सोलन , बारोग आदि स्टेशनो से होकर कालका पहुंचती है | मुझे इस सफर में शिमला से कालका पहुंचने में ७ घंटे लग गए | इसी बीच रास्ते में कहीं कहीं बारिश भी हो रही थी | कालका पहुंचकर ट्रैन का यह यादगार सफर समाप्त हुआ | तब तक शाम के लगभग ४ बजने बाले थे | ऑटो करते हुए कालका बस स्टैंड पहुंचे | यहाँ से बस से सीधे पिंजौर , पंचकूला होते हुए चंडीगढ़ के सेक्टर १७ बस स्टैंड | अपने सज्जन मित्र को हम पहले ही कालका में अलबिदा कह चुके थे | चंडीगढ़ पहुंचकर अब दिल्ली वापसी की तैयारी करनी थी | ६ बजे चंडीगढ़ पहुँच गए | यहाँ पहुंचकर बस स्टैंड स्थित रूम लिया और नहाने फ्रेश होने के साथ ही ३ घंटे आराम भी कर ली और मोबाइल भी चार्ज हो गया | चंडीगढ़ एक बार पहले भी मै आ चूका था | जिसके बारे में आप इस लिंक से पढ़ सकते हैं | आराम करने के बाद ९ बजे नीचे बस स्टैंड पर आकर दिल्ली जाने वाली बस का इंतज़ार करने से पहले ही भोजन भी कर लिया |
९:३० बजे दिल्ली जाने वाली बाली बस में मेरी पसंदीदा खिड़की वाली शीट मिल गयी | यहाँ से चलने के बाद बस बिश्राम के लिए पीपली कुरुछेत्र स्थित ढाबे पर रुकी | बस से उतरकर चाय पी | शिमला आते समय चाय जितनी अच्छी थी इस बार उतनी ही बेकार साथ ही १० वाली चाय १५ रुपये में | यात्रियों के साथ धोखा, अन्य खाने पीने की चीजें भी महँगी ही मिल रहीं थी | २० मिनट रुकने के बाद बस चल दी | अम्बाला , पानीपत होते हुए रात में १:३० बजे कश्मीरी गेट पहुँच गए | जाते ही फिर चाय पी और चादर बिछाकर ऊपर फोलर पर सो गए | सुबह ५ बजे आँख खुली | बस स्टैंड से बाहर आकर ३४७ नंबर डीटीसी की बस मिल गयी जो नॉएडा जा रही थी | ७:०० बजे नॉएडा सेक्टर १५ पहुँच गए फिर यहाँ पोहा और चाय नाश्ता करने के बाद ऑटो से ७:३० बजे अपने रूम पर आ गए | आज सायं को ऑफिस भी जाना था | इसलिए आराम भी जरुरी था |
२ दिन की यह छोटी सी यात्रा शानदार रही और इसमें टॉय ट्रैन का सफर भी हो गया | कैसी लगी आपको यह यात्रा | बने रहिये मेरे साथ अगली नयी यात्राओं के लिए और अब फोटों के साथ आनंद लीजिये :-
दिल्ली से रेकोंग पीओ जाने वाली बस |
शिमला का नया बस स्टैंड |
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रिज रोड पर |
रिज स्थित तिरंगा ध्वज |
रिज के पास, और पीछे जाखू मंदिर स्थित हनुमान जी की मूर्ति |
शिमला पंचायत भवन |
इसी रास्ते से हम शिमला रेलवे स्टेशन गए थे | |
शिमला से वापसी टॉय ट्रैन |
मेरे सज्जन मित्र (क्रपानी सिंह), जो एक गुरूद्वारे में ठहरे थे | घूमने के शौकीन हैं | हेमकुण्ड साहिब जा चुके हैं | दिल्ली में ही परिवार के साथ रहते हैं और पेशे से ठेकेदार हैं | |
शिमला का इतिहास |
सोलन शहर |
आज आपका यह लेख पढ़ा, बढ़िया लगा।
ReplyDeleteमैंने भी शिमला टॉय ट्रेन में दो बार यात्रा की है, एक बार कालका से शिमला तो एक बार शिमला से कालका
धन्यबाद सर जी, घुम्क्कडी जिन्दाबाद |
Deleteसुन्दर विवरण। सफ़र के दौरान घुमक्कड़ी साथ मिल जाए तो वाह वाह हो जाती है। टाॅय ट्रेन में मेरा भी घूमने का मन है। देखते हैं कब ये हसरत पूरी होती है। अगले वृत्तांत का इन्तजार है।
ReplyDeleteशुक्रिया विकास भाई, बिल्कुल जब भी समय मिले टाय ट्रेन से एक बार सफ़र करना तो बनता ही है, वो भी जब बात शिमला जैसे हिल स्टेशन की हो |
Deleteनितिन भाई , बहुत बढ़िया
ReplyDeleteThanks bhai
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