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नोएडा से शाहजहांपुर स्कूटी यात्रा Noida to Shahjahanpur trip by Scooty

दिनाँक :१५ नवम्बर २०१९ (शुक्रवार ) 
Date : 15 November  2019 (Friday )


आज काफी समय बाद पोस्ट लिख़ने का मौका मिला | यात्रा किये हुए काफी समय हो गया है लेकिन यादें आज भी ताजा हैं | यह स्कूटी यात्रा १५ नवम्बर को की गयी थी | १७ सितम्बर को मेरे बेटे का मुंडन था | मेरी पत्नी और सुपुत्र जी hometown में थे | मैं यहाँ नोएडा में अकेला था | मन में विचार आया क्यों न इस बार घर जो की 3७८ किलोमीटर पड़ता है  स्कूटी से जाकर देखा जाये | हालांकि मै पहले भी हरिद्वार तक स्कूटी यात्रा कर चुका था जिसमे मैंने वापसी तक ५०० किलोमीटर से ज्यादा स्कूटी चलायी थी  |  इसलिए थोड़ा आत्मविस्वास था की घर जा सकते हैं | बहुत से लोगों ने स्कूटी से काफी लम्बी यात्राएं की हैं तो एक बार चलकर देखते हैं | 

नाईट ड्यूटी करने के बाद सुबह ४ बजे रूम पर आ गए | नींद तो आ रही थी लेकिन कंट्रोल करना जरुरी था क्यूंकि आज ही घर भी पहुंचना था | तो बैग पैक किया और ५:३५ बजे सुबह स्कूटी स्टार्ट करते ही इस सफर की शुरुआत हो गयी | सर्दियों का मौसम होने के कारण अभी अँधेरा भी था और ठंडक भी | फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं मैं हेलमेट , ग्लव्स के साथ में पर्याप्त सर्दियों के कपड़ों में पैक था | चलते हुए सबसे पहले नींद ना आये इसलिए सेक्टर ६१ मेट्रो स्टेशन नॉएडा के पास ही एक चाय की दुकान पर चाय पी और एक परांठे का नास्ता भी कर लिया | अंडरपास से होते हुए सुबह ६ बजे NH -२४ पर में सेक्टर ६२ के पास था | स्कूटी में एक दिन पहले ही टैंक फुल करा लिया था | ६०-६५ की स्पीड से चलते हुए ७:१५ बजे हापुड़ बाय पास पहुँच गए | तब तक हल्का उजाला हो गया था | आगे चलते हुए  गढ़ मुक्तेशवर के पास एक ढाबे पर पहला ब्रेक लिया | यहाँ सरकारी बसें भी रुकती हैं | चाय और ब्रेड पकोड़ा खाकर घर पर भी बता दिया कि स्कूटी से आ रहे हैं ३-४ बजे तक पहुँच जायेंगे | 

यात्रा मैप 


छोटा हरिद्वार : बृजघाट, गढ़ मुक्तेस्वर यात्रा (उत्तर प्रदेश )

१६ जनबरी २०१८ , मंगलवार 


इस नए साल यात्रा की शुरुआत उत्तर प्रदेश के छोटा हरिद्वार और आस्था के संगम गंगा जी के किनारे स्थित बृजघाट, गढ़ मुक्तेस्वर से हुई | १६ जनबरी २०१८ को मौनी अमावस्या का शुभ दिन होने के कारण यहाँ जाना निश्चित हुआ | वैसे तो यह स्थान मेरे घर जाने के रास्ते में बीच में ही पड़ता है लेकिन कभी जाना नहीं हो पाया | चलिए आज चलते हैं | १५ जनवरी को नाईट शिफ्ट करने के बाद सुबह फ्री हुए | रूम पर थोड़ा आराम करने के बाद सुबह ठीक ५:३० बजे ऑटो पकड़ कर सीधे सेक्टर ६२ पहुंचे | फिर यहाँ से शेयर्ड ऑटो से २० मिनट बाद आनंद विहार बस स्टेशन , दिल्ली पहुँच गए | तब तक सुबह हो गयी थी और ६:३० बजे समय हो गया था | बृजघाट, गढ़ मुक्तेस्वर जाने के लिए बसें आनंद विहार बस स्टेशन, दिल्ली से मिलती हैं | दिल्ली लखनऊ हाइवे पर स्थित होने के कारण यहाँ आप बरेली , मुरादाबाद , लखनऊ या फिर सीधे गढ़ मुक्तेस्वर जाने वाली बस से पहुँच सकते हैं | दिल्ली से बृजघाट, गढ़ मुक्तेस्वर ९४ किलोमीटर है | २-३ घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकता है | मुझे मुरादाबाद जाने वाली बस मिल गयी | ११६ रुपये का टिकट लेकर बस में आगे ही खिड़की वाली शीट मिल गयी | मोहननगर ,गाज़ियाबाद , हापुड़ बाईपास होते हुए बस रास्ते में गढ़ मुक्तेस्वर से पहले एक सरकारी ढावे पर चाय, नास्ते के लिए रुकी | 

करीब २० मिनट बाद बस चल दी फिर यहाँ से चलकर ९:४० बजे सुबह बृजघाट, गढ़ मुक्तेस्वर पहुँच गए | मौनी अमावस्या का दिन होने के कारण इस पावन तीर्थ स्थान पर भीड़ भी अधिक थी और मेला लगा हुआ था | गंगा नदी के किनारे स्थित होने के कारण इस स्थान की पौराणिक मान्यता है | यहाँ पर भी हरिद्वार की तरह ही घण्टाघर गंगा नदी के किनारे बना हुआ है जिसमे एक विशाल घड़ी लगी है | मुझे सबसे पहले स्नान करना था इसलिए टहलते हुए थोड़ा दूर गंगा घाट के किनारे पहुंचे | स्नान पूजा इत्यादि करने के बाद कुछेक फोटो भी लिए | कुछ नाव वाले लोगों को ५० रुपये प्रति चक्कर के हिसाब से बोटिंग भी करा रहे थे | कई जगह पर धार्मिक कार्य , हवन और भंडारा इत्यादि चल रहा था | माँ गंगा के चरणों में इस पावन स्थान पर चारो और भक्तिमय वातावरण था | सुबह का समय होने के कारण मौसम भी काफी अच्छा हो गया था | गंगा घाट से बहार आकर एक होटल पर चाय जलपान किया फिर कुछ देर बाजार में टहलते रहे | तब तक भूख भी लगने लगी थी | एक होटल पर लंच किया | घड़ी में दोपहर के १ बज चुके थे | कुछेक फोटो लिए | अब वापसी का समय था | थोड़ा सा ऊपर चलकर ही ऊपर हाइवे से दिल्ली जाने वाली बस मिल गयी |  बस से ४ बजे तक रूम पर वापस पहुँच गए |

चलिए अब एक नजर यात्रा चित्रों पर :-


अमिताभ पार्क नॉएडा , पहली छोटी यात्रा

आज अपने लैपटॉप पर कुछ पुराने फोटो देख रहे थे इसी सिलसिले में नजर अपनी अमिताभ पार्क नॉएडा में स्थित यात्रा फोटो पर पड़ी । एक रोचक बात यह थी की पढ़ाई के बाद नॉएडा आने के बाद यह मेरी पहली छोटी यात्रा रही । मन हुआ चलो उन यादों को एक बार लिखा जाये । इस यात्रा में मेरे सहयोगी सहमित्र कामेश थे। बात २०१२ दिशंबर माह की है। उस समय एक दिन सायं में इस अमिताभ पार्क में जाने का अवसर प्राप्त हुआ । आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की यह पार्क नॉएडा और और दिल्ली बार्डर पर नॉएडा में सेक्टर १५ मेट्रो स्टेशन के पास ही है । यहाँ पर आप पैदल या ऑटो से भी जा सकते है दूरी केवल १ किलोमीटर है । 

हम दोनों लोग पैदल ही घूमते हुए पार्क पहुँच गए । काफी बड़ा पार्क है और मनोरंजन के लिए झूलों के साथ साथ फब्बारे भी है । पार्क में घूमते ही कुछेक फोटो लिए और फिर हमे जानकारी मिली की ओखला पक्षी विहार भी यहीं पास में ही है । समय ना होने के कारण जाना नहीं हो सका अगली बार जब भी समय मिलेगा आराम से घूमेंगे । चलिए अब एक नजर कुछ फोटो पर :-

शाहजहांपुर की शान : हनुमतधाम (Hanumat Dham, Shahjahanpur)

दिनांक : २७ मार्च , दिन : रविबार 


अभी कुछ दिन पूर्व होली पर घर जाना हुआ । बड़े हर्ष उल्लास के साथ होली मनाई । होली के बाद घर से वापसी और नोएडा जाने से पूर्व ही हनुमतधाम जो की मेरे गृह जिले शाहजहांपुर में स्थित हैं, जाने का अवसर प्राप्त हुआ । वैसे तो शाहजहांपुर और पास के लोग पहले ही यहाँ जा चुके होंगे लेकिन कुछ जानकारी के लिए बताते चलें, कि अभी कुछ समय पूर्व निर्मित यह हनुमान जी का पावन  धाम है , जोकि जिले में विसरात रोड पर खन्नौत नदी के किनारे स्थित है । शहर के बस और रेलवे स्टैंड से २-३ किलोमीटर दूर है, यहाँ आप ऑटो, रिक्शा या फिर किसी भी प्राइवेट वाहन से बड़ी ही सुगमता से पहुँच सकते हैं । 

हनुमतधाम के पास ही काली माँ का पवन मंदिर है । शाम को यहाँ जाने में काफी अच्छा लगता है । चलिए इस सफर पर आगे चलते हैं । नैनीताल की तरह यहाँ भी अपनी पत्नी जी के साथ बाइक से जाना हुआ। हम लोग करीब सायं में ६ बजे हनुमतधाम पहुंचे, प्रसाद लेकर अंदर पहुंचे बड़ा ही सुन्दर दृश्य था ।

दिल्ली से शाहजहाँपुर पैसेन्जर यात्रा

अभी पिछले सप्ताह रविवार को अचानक ही साहिबाबाद से शाहजहाँपुर जाना पड़ा। दिल्ली से एक पैसेंजर ट्रेन सीतापुर के लिए चलती है। जिसका समय रात्रि में १२ बजे दिल्ली से छूटने का है। और यह ट्रैन अगले दिन सायं ३ बजे तक सीतापुर पहुँचती है। दिल्ली से सीतापुर लगभग ४०० किलोमीटर दूर है। साहिबाबाद में इस ट्रैन के पहुँचाने का समय १२ बजकर ३० मिनट पर है।

पैसेंजर ट्रेन होने कि बजह से इस ट्रेन में हमेशा ही भीड़ रहती है। रात्रि में ट्रेन होने कि वजह से मुझे एक मित्र जी के यहाँ पर रुकना पड़ा।  फिलहाल हम लोग ट्रेन के समय को ध्यान में रखते हुए १२ बजे साहिबाबाद स्टेशन पर पहुँच गये। इस ट्रेन के आने में अभी समय था। इसलिए चाय पीने के साथ ट्रैन का इंतज़ार करने लगे। ट्रेन १२ .२० बजे प्लॅटफॉर्म पर आयी। साहिबाबाद स्टेशन दिल्ली के पास होने कि वजह से ट्रेन में उम्मीद से कम भीड़ थी। इसलिए शीट मिल गयी। ५ मिनट रुकने के बाद ट्रेन चल दी।

दिल्ली कानपुर मार्ग पर पहली पैसेंजर यात्रा


अभी  अंतिम सप्ताह ही अचानक दिल्ली कानपुर मार्ग पर चलने वाली इलेक्ट्रॉनिक पैसेंजर लोकल ट्रैन से यात्रा करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस मार्ग पर यह मेरी पहली पैसेंजर ट्रैन यात्रा थी। सप्ताह के रविवार के दिन मै और मेरे एक दोस्त ने साथ चलने का निस्चय  किया। हम लोगों को ग़ाज़ियाबाद से खुर्जा तक का सफ़र करना था। अपने प्रोग्राम के हिसाब से हम लोग प्रातः 9:30 बजे ग़ाज़ियाबाद स्टेशन पर पहुँच गये।