वैसे तो पहले से ही नीलकंठ महादेव और ऋषिकेश जाने के बारे में सोच रहा था , बस इंतजार था समय का। अभी शनिबार को ऑफिस से जल्दी छुट्टी हो जाने के कारण इसी दिन जाने का पूर्ण निस्चय किया। पिछली बार मै इन्हीं दिनों हरिद्वार तक तो गया था। इस बार ऋषिकेश तक जाने कि योजना थी। एक मित्र जी को फोन किया लेकिन समय न होने के कारण असमर्थता बता दी। फिलहाल अकेले ही निकलना पड़ा। मैंने यह तय किया था कि शनिबार कि शाम में साहिबाबाद से ट्रैन से चलकर हरिद्वार और ऋषिकेश घूमकर रबिबार रात तक बापस आ जायेंगे।