सबसे पहले सभी ब्लॉग मित्रों को आने वाले आगामी नवबर्ष की अभी से ही शुभ कामनायें ।
चलिए इस साल की गयी यात्राओं पर एक नजर डालते है। यह साल यात्राओं के हिसाब से ठीक ठाक रहा । ज्यादा तो नहीं लेकिन कुछ यात्रायें की गयी । जिनका संछिप्त बिबरण इस प्रकार है ।
फरवरी में शादी होने के बाद सबसे पहले इसी माह में नैनीताल की यात्रा की गयी । वैसे मैं एक साल पहले २०१५ में भी अकेले ही नैनीताल चला गया था । इस बर्ष जाना भी एक अलग अनुभव रहा । यात्रा बरेली से किच्छा, हल्द्वानी, नैनीताल होते हुए की गयी । आगे टनकपुर के पास माँ पूर्णागिरि तक भी जाने का इरादा था । लेकिन अभी मेला सीजन ना होने के कारण नहीं जा पाए ।
इसके बाद अप्रैल माह में जम्मू , कटरा, माँ वैष्णों देवी मंदिर होते हुए चंडीगढ़ की यात्रा की गयी । यात्रा शानदार रही । वैसे पहले इसी यात्रा के साथ में वापसी में शिमला और कुल्लू मनाली का भी जाने का प्रोग्राम था । लेकिन जाना नहीं हो सका । शिमला और कुल्लू मनाली फिर कभी फुर्शत से जायेंगे । जम्मू , कटरा, माँ वैष्णों देवी मंदिर होते हुए चंडीगढ़ की यात्रा मेरे गृह जनपद शाहजहांपुर से सुरु होकर मुरादाबाद , अम्बाला होते हुए जम्मू ,कटरा, माँ वैष्णो देवी मंदिर और वापसी बस से चंडीगढ़ से नॉएडा दिल्ली होते हुए । ५ दिन का कुल समय लगा और काफी नयी जानकारियां भी । इसी माह में हनुमत धाम की भी यात्रा की गयी ।
जून माह में परिवार के साथ दिल्ली स्थित पुराना किला , चिड़ियाघर और अक्षरधाम मंदिर की यात्रा की गयी । मुख्य रूप से चिड़ियाघर और अक्षरधाम मंदिर में दोबारा जाने पर और नयी जानकारियां मिलीं । एक दिन की यात्रा अच्छी रही ।
इसके बाद इस साल कोई बड़ी यात्रा तो नहीं हुई लेकिन नवम्बर माह में कुतुबमीनार और छतरपुर दिल्ली स्थित मंदिर की यात्रा हुई । इन सभी यात्राओं का विवरण लिखा जा चुका है ।
आने वाले साल में और भी यात्राएं जारी रहेंगी । जिनमे मुख्य रूप से हिमाचल, राजस्थान, बिहार-बंगाल और अन्य राज्य की यात्रायें की जाएँगी ।
इसके बाद इस साल कोई बड़ी यात्रा तो नहीं हुई लेकिन नवम्बर माह में कुतुबमीनार और छतरपुर दिल्ली स्थित मंदिर की यात्रा हुई । इन सभी यात्राओं का विवरण लिखा जा चुका है ।
आने वाले साल में और भी यात्राएं जारी रहेंगी । जिनमे मुख्य रूप से हिमाचल, राजस्थान, बिहार-बंगाल और अन्य राज्य की यात्रायें की जाएँगी ।
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