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हौज़ खास दिल्ली की छोटी सी यात्रा

 हेलो दोस्तों, कैसे हो आप सब। उम्मीद है सब अच्छे होंगे. काफ़ी समय से इस व्लॉग पर कोई पोस्ट नहीं लिखी।इसी बीच कुछेक यात्राएँ हुई। उन्हीं में से एक यात्रा हौज खास गांव की थी। तो चलिए शुरू करते हैं सफर को। इस सफर पर आज मुझे दिल्ली मेट्रो से जाना था। इसलीये घर से निकल कर 10 रुपये ऑटो वाले भाई को दे कर सीधे मेट्रो सेक्टर 16 पहुंचे। यहां से 40 रुपये का हौज खास का टिकट लिया। नोएडा से हौज खास जाने के लिए अब मुझे सेक्टर 16 से पहले बॉटनिकल गार्डन जाना था। फिर बोटैनिकल से मेट्रो चेंज करके हौज खास, वेसे आप हौज खास किसी भी मेट्रो रूट से भी जा सकते हैं।

वीकेंड होने के कारण मेट्रो में ठीक ठाक भीड़ थी। करीब 1 घंटे मेट्रो का सफर करने के बाद हौज खास मेट्रो स्टेशन पहुंच गए । यहां से ऑटो वाले भाई को 30 रुपये देकर और करीब 5 मिनट बाद आखिरकार हौज खास डियर पार्क और लेक के गेट पर आ गए ।  यहां लोग शाम के समय में ज्यादा आते हैं।  एक कोल्ड ड्रिंक और चिप्स का पैकेट लेकर नास्ता किया फिर गेट से  पहुंचे । अंदर जाने का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है | सबसे पहले हौज खास झील देखनी थी,  इसलिए गेट से थोड़ा चलकर बायें हाथ की और मुड़ गए । कुछ दूर चलने के बाद हौज खास झील परिसर में पहुंच गए।



उग्रसेन की बावली, दिल्ली Ugrsen Ki Baoli, Delhi

दिनांक : ९ अप्रैल                                                                                    
अभी कल ऐसे ही दिल्ली में कम चर्चित लेकिन बावली में उत्कृष्ट उग्रसेन की बावली, दिल्ली जाना हुआ | यहाँ तक पहुंचना वेहद आसान है | वैसे तो ज्यादातर लोग पहले भी यहाँ गए होंगे लेकिन फिर भी जानकारी के लिए बताते चलें कि यहाँ पहुंचने के लिए निकटतम मेट्रो स्टेशन बाराखंभा रोड है जो राजीव चौक से ठीक पहले दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन यानि की नॉएडा सिटी सेण्टर से द्वारका जाने वाली लाइन पर है | उग्रसेन की बावली बाराखंभा रोड  मेट्रो स्टेशन से महज ५०० मीटर ही है और आप आसानी से पैदल भी जा सकते हैं  | दिल्ली के अन्य स्थानों की तरह उतनी प्रसिद्ध तो नहीं लेकिन हाँ एक बार देखने योग्य है | चलिए अब कुछ फोटो के माध्यम से इस यात्रा की जुवानी :-


दिल्ली से रेवाड़ी यात्रा : रोचक सफर और किस्मत का साथ



इस यात्रा कार्यक्रम का संयोग भी अचानक ही बना | बीते शनिवार (११ फरबरी २०१७ )को वैसे तो दिल्ली सराय रोहिल्ला स्टेशन देखना था पर घुम्मकड़ प्रवति की वजह से रेवाड़ी जा पहुंचे | नॉएडा सेक्टर १५ से राजीव चौक और कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन होते हुए दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन के नजदीकी मेट्रो स्टेशन जो की रेड लाइन पर है शास्त्री नगर पहुँच गए | यहाँ से रेलवे स्टेशन १ किलोमीटर ही है रिक्शा करते हुए १५ मिनट में दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए |

भारतीय रेल संग्रहालय, नई दिल्ली Indian Rail Musiam, New Delhi

दिनांक : २८ जनवरी 


इस सप्ताह भारतीय रेल संग्रहालय, नई दिल्ली जाने का संयोग बना । वैसे तो ज़्यादातर मित्र इससे परिचित ही होंगे लेकिन फिर भी बताते चलें की यह संग्रहालय चाणक्य पुरी नई दिल्ली में स्थित है । चलिए आगे सफर पर चलते हैं । मैं सुबह ही तैयार हो गया लेकिन निकलते निकलते सुबह के ११ बज गए । सेक्टर १५ नॉएडा पहुंचकर मेट्रो पकड़ी । यमुना बैंक होते हुए राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर उतरकर फिर हुडा सिटी सेण्टर की और जाने वाली मेट्रो में बैठकर भारतीय रेल संग्रहालय के निकटतम मेट्रो स्टेशन जोरबाग पहुँचे । इस मेट्रो स्टेशन से भारतीय रेल संग्रहालयलगभग ५ किलोमीटर दूर है । जहाँ केवल पब्लिक साधन में ऑटो से ही पहुँच सकते है । वैसे दिल्ली परिवहन की ६०२ नंबर बस भी पुरानी दिल्ली से जाती है ।

छतरपुर मंदिर भ्रमण, दिल्ली

इस पोस्ट को सुरुआत से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें |

पिछले यात्रा बृतान्त में आपने कुतुबमीनार के बारे में पढ़ा । कुतुबमीनार दर्शन के बाद हम लोग वापस मेट्रो से अगले ही स्टेशन छतरपुर आ गए । अब समय था यहाँ के मंदिर को देखने का । मेट्रो से बाहर आकर मंदिर जाने का रास्ता पता किया । एक सज्जन ने बताया कि मंदिर बस पास में ही है पैदल ही जा सकते हो । मेट्रो के पास में ही एक जगह बड़ी मुश्किल से बेकार चाय पी गयी । खैर आगे से बाएं मुड़कर मंदिर के लिए रास्ता जाता है । मंदिर इस चौराहे से ५०० मीटर ही दूर है । पैदल ही मंदिर के पास पहुंचे । एक दुकानदार प्रशाद बेंच रहा था ५१ रुपये का प्रशाद ले लिया । मंदिर समिति ने मुफ्त में ही जूते -चप्पलों को टोकन के हिसाव से जमा करवाने की व्यवस्था की है  । ऐसी ही व्यवस्था कमल मंदिर (लोटस टेम्पल ), कालकाजी और अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में पहले मैंने देखी थी । हमने भी अपने जूते चप्पल जमा कर के टोकन ले लिए । 



दिल्ली की शान : कुतुबमीनार

दिनांक : २६ नवम्बर , दिन : शानिवार 

शुक्रवार का दिन आते ही मन में कहीं नकहीं जाने का विचार आने लगता है । इस वार भी कुछ ऐसा ही हुआ । पहले तो मथुरा या फिर आगरा जाने का प्रोग्राम बना पर शनिवार कि सुबह होते होते कुछ कारणों से विचार बदल जाने से ना जाने कब कुतुबमीनार और छतरपुर मंदिर जाना तय हुआ पता ही नहीं चला । खैर चलते है इस सफर पर आगरा और मथुरा फिर कभी ।


सुबह सुबह ही तैयार होकर अपनी पत्नी के साथ दिल्लीके सफर पर रवाना हुए । वैसे तो अधिकतर लोग परिचित ही होंगे लेकिन फिर भी जानकारी के लिए बताते चलें की कुतुबमीनार अपने आप में मेट्रो स्टेशन है जो हुडा सिटी सेंटर वाली मेट्रो लाइन पर साकेत से अगला स्टेशन है । नॉएडा से जाने के लिए आपको राजीव चौक स्टेशन से लाइन बदलकर जाना होगा ।  हम लोग भी सुबह ९:३० बजे सुबह निकलकर करीब ११:०० बजे कुतुबमीनार स्टेशन पहुंचे । वहां से ऑटो करते हुए वस् १५ मिनट में ही कुतुबमीनार काम्प्लेक्स परिषर में थे । शनिवार सप्ताहांत का दिन होने के कारण दर्शकों की अच्छी खाशी भीड़ थी । किन्तु टिकट काउंटर पर भीड़ नहीं थी । आसानी से ३० रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से २ टिकेट लेलिये । साथ ही ५ रुपये बैग रखने के लिए जमा करा दिया ।


एक बार फिर पुराना किला ,चिड़ियाघर , दिल्ली का सफर

अभी वीते सप्ताह नोएडा घर पर माँ और पिताजी का आना हुआ । यह मेरे लिए एक सुखद अनुभव था माँ और पिताजी पहली बार जो आ रहे थे । शाहजहाँपुर से साथ में ही ऐसी बस से मेरे साथ आये थे काफी दिनों से इच्छा थी मेरे कहने पर वो लोग तुरन्त राजी हो गए । काफी अच्छा लगा । दोपहर १ से रात्रि १० बजे तक ऑफिस होने के कारण सुबह में अच्छा समय मिल जाता है । पापा और मम्मी जी की दिल्ली घूमने की भी इच्छा थी ।  इसी सिलसिले में २२ जून, बुधवार  को इस यात्रा सफर के पहले चरण में पुराना किला और दिल्ली का चिड़ियाघर जाना तय हुआ । हालाँकि मैं एक बार पहले भी वहाँ जा चुका था लेकिन इस बार जाने का अलग अनुभव रहा ।

चलिए अब आगे सफर पर चलते हैं ।  दिल्ली और एनसीआर समेत पूरे भारत में ओला कैब सर्विस होने के कारण इस बार इसी से जाने का विचार किया ।  पापा और मम्मी जी सुबह जल्दी ही तैयार हो गए मैं भी नित्य कार्यों से निपटकर ८ बजे ही तैयार हो गया ।  ८:००  बजे सुबह इस सफर के लिए चल दिए ।  पापा और मम्मी जी के साथ दिल्ली भ्रमण की यह मेरी पहली यात्रा थी । इस सफर में पापा और मम्मी जी के अलावा मेरी पत्नी जी भी थी जो पहले भी नैनीताल और वैष्णों देवी यात्रा में मेरे साथ जा चुकी थी । सेक्टर १५ मेट्रो स्टेशन पहुँचे वहाँ से मेट्रो के द्वारा अक्षरधाम , यमुना बैंक और इन्द्रप्रस्थ स्टेशन होते हुए ८:३० बजे प्रगति मैदान स्टेशन पहुंचे । प्रगति मैदान स्टेशन से ही प्राइवेट ऑटो किया और ५० रुपये किराया देकर १० मिनट बाद ही हम पुराने किले में पहुँच गए ।

दिल्ली का सफर : पुराना किला और चिड़ियाघर , दिल्ली


दिनांक :२६ दिसंबर 


क्रिश्मस की इन्ही छुट्टियों के सिलसिले में आज का सफर दिल्ली के पुराना किला और चिड़ियाघर  या जू या राष्ट्रीय प्राणि उद्यान देखने का था  अपने प्रोग्राम के अनुसार मेरे मित्र अजय जी को कल गुडगाँव किसी काम के सिलसिले में जाना पड़ा इसलिए आज इस यात्रा के  सफर में मै अकेला ही था 

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि दिल्ली का चिड़ियाघर और पुराना किला दोनों पास में ही है और प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन से :००  किलोमीटर की दूरी पर है  चिड़िया घर के सामने ही एक मस्जिद और शेरशाह का दरवाजा भी ऐतिहासिक स्थल है  सुबह ११ बजे निकल कर मेट्रो सेक्टर १५ और यमुना बैंक होते हुए लगभग १२:४० बजे पुराना किले पहुंचे  मेरे साथ ही दो अन्य मित्र भी इस किले और चिड़ियाघर ही देखने आये थे  प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन से ऑटो किया १५ रुपये देकर पुराने किले के पास पहुँचे  मेरे मन में काफी समय से इसे देखने की उत्सुकता थी  चलिए इस यात्रा सफर को जारी रखते है  किले के पास उतरकर अंदर पहुंचे क्या खूबसूरत नजारा था एक और सुन्दर झील तो दूसरी और बिशालकाय किला बहुत ही सुंदर दृश्य था आप इसे जाये बिना महसूस नहीं कर सकते कुछेक फोटो लेकर चिड़ियाघर की और चल दिए  


पुराने किले से ही लगी हुई  चहरदीवार चिड़ियाघर की है एन्ट्री गेट पर पहुंचे रबिबार का दिन था इसलिए काफी भीड़ थी दर्शकों की सुविधा के लिए टिकट के काउंटर्स खुले हुए थे मैंने भी एक काउंटर पर जाकर बिना देर किये टिकट लिया पार्क के अंदर पानी की बोतल को छोड़कर अन्य खाने पीने के सामान को ले जाने पर मनाही है चेकिंग के बाद अंदर पहुंचे एक पल को तो ऐसा लगा की जैसे हम दिल्ली में होकर किसी दूर जंगल में गए हों चारो और जंगली जानवरों और पछियों के चित्र नजर रहे थे साथ ही पार्क में घूमने की सुबिधा के लिए यात्रा मैप भी था  

लाल किला, दिल्ली यात्रा

अभी पिछले सप्ताह रबिबार को लाल किला जाना हुआ । इस यात्रा में मेरा साथ दिया मेरे सहमित्र अजय जी ने जोकि मेरे सहमित्र और साथ ही रहते हैं । इस सफर पर निकलने से पहले हम लोगों ने यह निस्चय किया था कि पहले लालकिला घूमा जायेगा और उसके बाद समय रहने पर मुग़ल गार्डन या फिर पालिका बाजार । इसी उद्देश्य से हम लोग सुबह में करीब १० बजे निकलकर मेट्रो सेक्टर १५ होते हुए ११:३० बजे चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पहुंचे । लालकिला और मुग़ल गार्डन दोनों ही दर्शनीय स्थल यहाँ से पास में ही है । या फिर हम कह सकते हैं कि ये स्थान पुरानी दिल्ली के पास हैं  ।
फिलहाल चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन से बाहर निकले तो सामने पुरानी दिल्ली स्टेशन है दिखाई दिया । बाहर  मुख्य सड़क पर आते हुए हम लोग लालकिला जाने के लिये पता करने लगे । कुछ देर पूंछने पर पता चला कि कुछ दूर है इसलिए एक ऑटो वाले से बात की और ५० रुपये में लाल किला चलने के लिए तैयार हो गया । 


एक सफर कालका जी और लोटस टेंपल, दिल्ली


वैसे तो हमेशा ही कहीं न कहीं घूमने के बारे सोचते रहते है । तो इसी सिलसिले में रबिबार के दिन कालका जी और लोटस टेंपल, दिल्ली घूमने का निस्चय किया | मेरे साथ मेरे ही सहमित्र अजय जी भी इस सफर में चलने लिए तैयार हो गए । वैसे तो मेरा प्रतिदिन ही नोएडा से नेहरू प्लेस जाना होता है ।कालका जी और लोटस टेंपल इसी मार्ग पर पड़ते है । इससे पहले मैने वाहर से ही दोनों ही स्थानों को देखा हुआ था । चलिए आज फिर कालका जी और लोटस टेंपल की यात्रा के इस सफर को जारी रखते है ।

पहले से कोई योजना नहीं थी इसीलिए मै और मेरे मित्र अजय दोपहर को करीब ११ बजे निकले । नोएडा से एक दिल्ली परिवहन निगम की ४९२ नंबर की बस चलती है । जो नोएडा सेक्टर ६२ से सराय काले खान स्टेशन होते हुए नेहरू प्लेस तक जाती है । मैंने अपने मित्र के साथ ही ४० रुपये का दैनिक पास लिया और बस से चल पड़े । मेरे लिए तो इस मार्ग पर यात्रा करना कोई नई बात नहीं थी लेकिन मेरे मित्र के लिए यह एक नई और उत्साह बर्धक बात थी ।